अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन को प्रदेश कार्यालय पर (अग्रसेन जी की जयंती) को “श्रद्धा‌ एवं हर्षोल्लास” के साथ मनाया गया

अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन को प्रदेश कार्यालय पर (अग्रसेन जी की जयंती) को “श्रद्धा‌ एवं हर्षोल्लास” के साथ मनाया गया

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लखनऊ। अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश कार्यालय पर अग्रसेन जी की जयंती श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया इस अवसर पर वैश्य नटवर गोयल जी उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन, प्रदेश चेयरमैन भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने चित्र पर पुष्प अंजली अर्पित की व नमन किया। और कहा की आज हम यहाँ एक महान विभूति, महाराजा अग्रसेन जी की जयंती मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। यह एक ऐसा अवसर है जो हमें उनके जीवन और उनकी महान उपलब्धियों को याद करने का अवसर प्राप्त होता है। महाराजा अग्रसेन केवल एक महान राजा ही नहीं, बल्कि एक समाज सुधारक, न्यायप्रिय शासक और अद्वितीय मानवतावादी भी थे।

महाराजा अग्रसेन प्रतापनगर के सूर्यवंशी क्षत्रिय राजा वल्लभ के पुत्र थे श्री राम जी के ३४ वे पीढ़ी में द्वापर के अंतिम काल और कलयुग के प्रारम्भ में उनका जन्म हुआ था वे सूर्यवंशी क्षत्रिय थे, जिन्होंने शांति और समानता के सिद्धांतों का पालन किया। उनकी नीति थी कि हर इंसान समान है, और समाज के हर व्यक्ति को समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने एक ऐसे समाज की नींव रखी, जिसमें सभी वर्गों

 

को समान अवसर दिए गए, और किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं था।

 

उनकी सबसे महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक शिक्षा थी “एक ईंट और एक रुपया” की परंपरा। इसका अर्थ यह था कि जब भी कोई नया परिवार उनके राज्य में बसने आता, तो हर घर से एक ईंट और एक रुपया इकट्ठा किया जाता, जिससे उस नए परिवार के लिए घर और व्यवसाय स्थापित करने में सहायता मिले। यह परंपरा आज भी हमें भाईचारे और सामाजिक सहयोग की प्रेरणा देती है।

 

महाराजा अग्रसेन ने व्यापार और उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया और उनके आदर्शों के आधार पर अग्रवाल समाज का निर्माण हुआ, जो आज भी देश और दुनिया में अपनी पहचान बनाए हुए हैं। उन्होंने अहिंसा, दान, और समर्पण के गुणों का प्रचार किया, जो हमें सिखाते हैं कि दूसरों की भलाई के लिए काम करना ही असली मानवता है।

 

आज, जब हम महाराजा अग्रसेन जी की जयंती मना रहे हैं, हमें उनके सिद्धांतों और आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए। उनके द्वारा स्थापित समानता, भाईचारा और परोपकार के मूल्य आज के समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। अगर हम उनके दिखाए रास्ते पर चलें, तो हम एक समृद्ध, एकजुट और सशक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं। अंत में, मैं आप सभी से आग्रह करता हूँ कि हम महाराजा अग्रसेन के आदर्शों का अनुसरण करें और समाज में शांति, प्रेम और सौहार्द का संदेश फैलाएं। यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

 

हमें महाराजा अग्रसेन द्वारा बताए रास्ते पर चल एकता अखंडता का रास्ता अपनाना है वैश्य नटवर गोयल जी ने कहा की महाराजा अग्रसेन के हम सभी वंशज है हमें आज समाज को संगठित कर विश्व के कल्याण के कार्यों में लगाना है एवं अपने समाज को राजनीति व्यापार एवं अन्य सभी क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाने की राह को और अधिक ऊर्जा के साथ लगाना एवं सामाज के अंदर राजनीति ना करते हुए समाज को राजनीति में अग्रणी भूमिका किस प्रकार मिल सकती है इसके ऊपर विचार करना होगा इस अवसर राम मोहन अग्रवाल पूर्व पार्षद मनीष बंसल, अशोक अग्रवाल, रीता मितल, सरोज अग्रवाल, रेखा बंसल, सुनील गर्ग, पवन गर्ग, समीर मितल आदि उपस्थित रहेl

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