शहीद स्मारक पर विशाल विरोध प्रदर्शन
सऊदी हुकूमत रौज़े के निर्माण करने की इजाज़त दे – मौलाना यासूब अब्बास
लखनऊ: मौलाना यासूब अब्बास की ओर से सऊदी अरब हुकूमत के ख़िलाफ़ जन्नतुल बक़ी के क़ब्रिस्तान मदीने में रसूल-ए-इस्लाम की इकलौती बेटी जनाबे फातिमा और इमामों के रौज़ों को ध्वस्त किये जाने पर एक विशाल विरोध प्रर्दशन आज दिनांक 07 अप्रैल 2025 को शहीद स्मारक, लखनऊ पर आयोजित हुआ जिसकी शुरुआत क़ारी नदीम नजफ़ी द्वारा क़ुरान ए पाक की तिलावत से की गई।
मौलाना यासूब अब्बस ने कहा कि आज से लगभग 102 वर्ष पूर्व सऊदी अरब के शासक आले सऊद ने जन्नत-उल-बकी में मोहम्मद साहब के खानदान वालों और उनकी बेटी के रौज़ों को ध्वस्त कर दिया था। बहुत अफसोस की बात है कि सऊदी हुकूमत जिस रसूल का कलमा पढ़ती है उसकी बेटी की कब्र पर आज तक कोई साया नहीं है। मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि बड़े शर्म की बात है कि सऊदी शासक अपने बड़े बड़े महलों में रह रहे हैं लेकिन जिनका वह कलमा पढ़ते हैं उनके रसूल की बेटी की कब्र खुले आसमान के नीचे है मौलाना ने सऊदी अरब हुकूमत से मांग की है कि या तो जन्नतुल बकी मदीने में निर्माण कराए या हमको इजाज़त दें कि हम वहां जाकर मज़ारों का पुनः निर्माण करें। मौलाना ने भारत के प्रधानमंत्री से अपील की है कि अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके सऊदी अरब सरकार पर दबाव बनाए कि वह शिया समुदाय पर होने वाले अत्याचार को बन्द कराये।
मौलाना यासूब अब्बास ने अपने भाषण में कहा कि इस्लाम धर्म किसी पर ज़ोर ज़बरदस्ती नहीं करता, सऊदी अरब मुसलमानों पर ज़बरदस्ती करके अपना दृष्टिकोण दूसरे मुसलमानों पर लादना चाहती है ये इस्लाम धर्म के उपदेशों के खिलाफ है।
ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष हुज्जतुल इस्लाम मौलाना साएम मेंहदी ने भारत के प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
इसके अतिरिक्त वक्ताओं जिनमे मौलाना सदफ जौनपुरी, मौलाना कुमैल अब्बास, मौलाना सय्यद इंतिज़ाम हैदर, हसन मेहंदी झब्बू, मौलाना सय्यद अनवर हुसैन रिजवी, मौलाना अली रिज़वान ज़ैदपुरी, मौलाना जाफ़र अब्बास, मौलाना मीसम ज़ैदी, एजाज़ा ज़ैदी, इक़बाल मिर्ज़ा, मौलाना इस्हाक़ रिज़वी, मौलाना शरर नक़वी, मौलाना अली अब्बास छपरवी, व मौलाना असगर ने अपने भाषणों में सऊदी सरकार को निशाना बनाते हुए जन्नत-उल-बकी मदीने में रौज़ों के पुनः निर्माण की मांग की।
प्रदर्शन के बाद मौलाना एजाज़ अतहर ने मजलिस को ख़िताब करते हुए रसूल-ए-इस्लाम की इकलौती बेटी जनाबे फातिमा ज़हरा स.अ की मज़लूमी और उन पर किए गए ज़ुल्मों को बयान किया जिसके बाद मौलाना यासूब अब्बास के साथ मातमदारों ने जबरदस्त खूनी मातम करके अपने खून से एक मेमोरेण्डम लिखकर सऊदी अरब दूतावास, नई दिल्ली को भेजा है जिसमें मांग की गई है कि अतिशीघ्र सउदी हुकूमत जन्नत-उल-बकी मदीना में रौज़ों का निर्माण कराए।
इस विरोध प्रदर्शन में उलमा, खुतबा, जाकरीन, मातमी अंजुमनों के लोगों और कौमी इदारों से जुड़े लोगो के अतिरिक्त हज़ारो की संख्या में लोगों ने इस प्रदर्शन में भाग लिया।