बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय MSMEs ने पिछले कुछ वर्षों में घरेलू और वैश्विक उपभोग के लिए विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन करके राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारत में MSMEs के विकास के लिए अपार संभावनाएं हैं, लेकिन इनका पूरा लाभ उठाने के लिए नीतिगत और संस्थागत ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। हालांकि, इस क्षेत्र के सामने फंड जुटाने और टेक्नोलॉजी अपनाने जैसी कई चुनौतियां भी हैं। इन्हीं चुनौतियों और संभावनाओं पर विचार-विमर्श के उद्देश्य से, जागरण न्यू मीडिया ने 2023 में जागरण बदलाव MSME कॉन्क्लेव की शुरुआत की थी। बीते बुधवार को दिल्ली के अशोक होटल में इसके चौथे संस्करण का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया, जहां सरकारी अधिकारी, MSME प्रमोटर्स, MSME एसोसिएशन के सदस्य, फाइनेंशियल सर्विस प्रदाता, टेक्नोलॉजी फर्म्स, फिनटेक फर्म आदि उपस्थित थे। जागरण बदलाव MSME कॉन्क्लेव 2024 के स्टेट्स पार्टनर्स हैं – मध्यप्रदेश शासन, उत्तराखंड शासन और छत्तीसगढ़ शासन। इसका MSME पार्टनर Ujjivan small finance bank है|
इस समारोह में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर पैनल चर्चाएं की गईं। जागरण बदलाव MSME कॉन्क्लेव 2024 के पहले पैनल चर्चा का विषय था: ‘उद्यमियों को सशक्त बनाना: MSME क्षेत्र में चुनौतियों पर काबू पाना और संभावनाओं को तलाशना’। इस पैनल में शामिल थे: